नमो अरिहंताणम
मैं उस प्रभु को नमन करता हूं, जिसने सभी दुश्मनों का नाश कर दिया है, क्रोध-मान-माया-लोभ, राग-द्वेष, रूपी दुश्मनों का नाश कर दिया है ।
नमो सिद्धाणं
मैं उन सभी भगवान को नमन करता हूं जिन्होंने अंतिम मुक्ति प्राप्त की है।
नमो आयरियाणं
मैं उन आचार्य भगवान को नमस्कार करता हूँ जिन्होंने ख़ुद आत्मा प्राप्त कर लिया है और मोक्ष का मार्ग दिखाते हैं ।
नमो उवज्जायाणम
मैं मोक्ष के मार्ग के आत्माज्ञानी शिक्षकों को नमन करता हूं ।
नमो लोए सव्व साहूणम
मैं उन सभी को नमन करता हूं जिन्होंने आत्मा को प्राप्त किया है और ब्रह्मांड में इस मार्ग पर आगे बढ़ रहे हैं।
एसो पंच नमुक्कारो
ऊपर जो पाँच नमस्कार किए वे
सव्व पावप्पणासणों
सब पापों का नाश करो।
मंगलाणम च सव्वेसिं
सभी शुभ मंत्रों में से
पढमं हवई मंगलं
यह उच्चतम है।
Om Saha Naavavatu | Saha Nau Bhunaktu | Saha Viiryam Karavaavahai | Tejasvi Nau Vidyaaasthu | Maa Vidvishaavahai | Om Shanti Shanti Shanti
WhatsApp us